प्रश्न : वर्धमान महावीर के प्रारम्भिक जीबन और उपदेशों पर प्रकाश डालें।
प्रश्न : वर्धमान महावीर के प्रारम्भिक
जीबन और उपदेशों पर प्रकाश डालें।
उत्तर : जीबन :
1.
जैन धर्म की स्थापना
वैदिक काल में हुई थी। जैन धर्म के वास्तविक संस्थापक ऋषभदेव थे। महावीर
स्वामी ने जैन धर्म में अपेक्षित सुधार करके इसका व्यापक स्तर पर प्रचार किया।
2.
महावीर स्वामी का
जन्म वैशाली (बिहार) के निकट कुण्डग्राम में क्षत्रिय परिवार में हुआ था। बचपन का
नाम वर्धमान था।
3.
उनके पिता का नाम सिद्धार्थ तथा माता का नाम त्रिशला था।
उसके पिता कुण्डग्राम के राजा थे तथा माता लिच्छवबि गणराज्य के प्रधान चेटक की पुत्री
थी।
4.
राजपरिवार में जन्म
होने के कारण महावीर स्वामी का प्रारम्भिक जीवन सुख-सुविधाओं से परिपूर्ण बीता।
5.
प्रारंभिक शिक्षा के पश्चात् वर्द्धभान का विवाह यशोदा से
हुआ, जिससे प्रियदेर्शना
नामक पुत्री की उत्पत्ति हुई।
6.
पिता की मृत्यु के
पश्चात 30 वर्ष की आयु में इन्होने सन्यास ग्रहण कर लिया और कठोर तप में लीन हो
गये।
7.
बँर्द्धमान महावीर ने 2 वर्षों तक निर्लिप्त एवं निष्काम भाव
से कठोर तप किया।
8.
ऋजुपालिका नदि के तट
पर सालवृक्ष के नीचे उन्हे ‘कैवल्य’ ज्ञान (सर्वोच्च ज्ञान) की प्राप्ति हुई जिसके कारण उन्हे ‘केवलिन’ पुकारा गया
9.
अपनी इंद्रियों एवं विषय-वासनाओं पर विजय प्राप्त कर लेने के कारण वे “जिन काहलाये।
10.
अपने तपस्वी जीवन में इत्होंने अतुल पराक्रम, साहस, धैर्य और सहनशीलता का प्रदर्शन इसलिए ये “महावीर” कहे जाने लगे।
(जन्म 599 BC मृत्यु 527 BC पिता सिद्धार्थ माता त्रिशाला)
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